फर्रुखाबाद । 26 साल पूर्व हत्या करने के मामले में एडीजे चार डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने एक आरोपी को कठोर आजीवन कारावास व तीस हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई है जबकि साक्ष्य ना मिलने के अभाव में दो आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है
मैनपुरी जनपद के थाना किशनी के गांव मर्देई निवासी सत्यपाल सिंह ने मोहम्मदाबाद थाने में भाई की हत्या करने के मामले में पिता पुत्र सहित तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि बड़े भाई प्रतिपाल सिंह की शादी मोहम्दाबाद थाना क्षेत्र के गांव ईशेपुर निवासी श्याम सिंह उर्फ बड़े लला की पुत्री मीरा के साथ हुई थी।शादी के डेढ़ साल बाद मीरा की मौत हो गई थी।श्याम सिंह ने परिवार वालों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें सभी लोग जेल गए थे।आरोपी जमानत पर जेल से बाहर आ गए थे। बड़े बुजुर्गों ने पंचायत कर समझौता करा दिया था।
31 दिसंबर 1997 दीपू पुत्र लला सिंह घर आया और भाई प्रतिपाल को श्याम सिंह के घर जाने के लिए कहा 1 जनवरी 1998 को वह स्वयं बड़े भाई प्रतिपाल सिंह,नेत्रपाल सिंह राकेश सिंह पुत्र अहिवरन सिंह के साथ साइकिल से लला सिंह के घर पहुंचा।जहां श्याम सिंह को बुलाया गया। श्याम सिंह ने प्रतिपाल, राकेश को सुबह मैनपुरी कचहरी में चलने को कहा हम लोग साइकिल से वापस घर आ गए।
जबकि भाई प्रतिपाल व राकेश वहीं रुक गए 2 दिन बीत जाने के बाद भी प्रतिपाल व राकेश वापस नहीं आए 4 जनवरी को ग्रामीणों द्वारा पता चला कि श्याम सिंह और बड़े लला व उसके पुत्र शिव कुमार ने प्रतिपाल व राकेश की हत्या कर दी है । पड़ताल करने पर प्रतिपाल का शव झाड़ियां में मिला जबकि राकेश का शव नहीं मिला पुलिस ने शिवकुमार, लला सिंह,दीपू सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की। विवेचक ने विवेचना पूर्ण कर तीनों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया मामले की सुनवाई कर रहे एडीजे चार डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गवाह व साक्ष्य के आधार पर शिवकुमार को दोषी करार देते हुए कठोर आजीवन कारावास व तीस हजार रूपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा ना करने पर छः माह अतिरिक्त कारावास भोगने का आदेश दिया है।साक्ष्य ना मिलने के अभाव में लला सिंह व दीपू को दोष मुक्त कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से के.के पांडे ने दलीलें पेश की।