मारपीट होता देख अधिकारी मौके से हुए फुर्र, जमकर हुआ बवाल चार कामों की हो पाई थी जांच।
farrukhabad । अमृतपुर के विकासखंड राजेपुर की ग्राम पंचायत बलीपट्टी रानीगांव मनरेगा के तहत किए गए कच्चे और पक्के कार्यों में भष्टाचार की जांच के लिए प्रशासन ने एक टीम का गठन किया था। उपायुक्त ग्राम्य विकास विभाग महेंद्र कुमार, डीसी मनरेगा रणजीत कुमार, खंड विकास अधिकारी सुनील जायसवाल और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी राशिद अली, सचिव आशुतोष दुबे, जेई अजीत कनौजिया ने गाँव का दौरा कर मामले की जांच शुरू की।जांच के दौरान कुछ कार्यों की स्थिति का अवलोकन किया गया, लेकिन जब टीम पंचायत घर पहुंची, तब स्थिति बिगड़ गई। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप होने लगे और दोनों पक्षों के समर्थक युवकों के बीच बहस छिड़ गई। इसी दौरान कुछ युवक लाठी लेकर आ गए और विवाद बढ़ता गया। इस झगड़े में शिकायतकर्ता के भाई को ही पीट दिया गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जांच की मांग करने वाले श्याम बिहारी अवस्थी और सेवानिवृत्त एडीओ पंचायत अनिल अग्निहोत्री ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। ग्राम प्रधान पति भी मौके पर लोगों को मना करते हुए नजर आए लेकिन समर्थक उग्र हो गए मारपीट को होता देख अधिकारी मौके से तेजी से भाग गए, जिससे प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय निवासियों और शिकायतकर्ताओं ने अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।गांव में इस घटना के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है। सबसे बड़ा सवाल है कि जब भ्रष्टाचार की जांच होने गई थी तो पुलिस कहां थी, जब गांव में मंडल से अधिकारी आए फिर भी पुलिस क्यों नहीं साथ में ली गई।